एक लड़की की जीवन कथा लड़के द्वारा - TEJPAL KUMAVAT

एक लड़की की जीवन कथा लड़के द्वारा – TEJPAL KUMAVAT

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एक लड़की की जीवन कथा लड़के द्वारा – TEJPAL KUMAVAT

एक लड़की की जीवन कथा लड़के द्वारा - TEJPAL KUMAVAT
स्वतंत्रता दिवस (कविता) – TEJPAL KUMAVAT

मैं एक लड़का हूं
पर आज मेरी कलम को
लड़की मानकर
लड़कियों के जन्म से अन्त तक के जीवन की एक कविता लिखता हूं

मैं एक लड़की हूं
जब मैं पैदा हुई
माता पिता के चेहरे मुस्कुराए
तो किसी के चेहरे मुरझाए

जब मैं कोख में पली
मुझे अपवित्र जताया गया
जब मैं बड़ी हुई
मुझे बदचलन बताया गया

डरी हुई सहमी सी
सुनसान रास्तों से गुजरती
कोई गंदी नजरों से घूरता
किसी के लिए हवस की प्यास थी
पहनती कपड़े मनमर्जी के
सब टोके ऐसे मुझे
जैसे मेरी इज्जत धूल जैसी खाक थी

कुचला गया मुझे
हवस की प्यास मिटाने के लिए
लड़ी जब में अपने अधिकारों के खातिर
तेजाब से जलाया गया मेरा चेहरा
मेरी जिंदगी मिटाने के लिए

लड़की होने का दुख यही है
गलती न हो तब भी
मुझे चरित्रहीन बताया गया
जमाने से छुपके
सलीके से बैठने के ताने और
सहमकर जीवन जीना सिखाया गया

मेरे सपनों को मिटाकर
चूल्हा चौका थमाया गया
बचपन मेरा अभी बीता नहीं था
मेरी हंसती खेलती जिंदगी को नर्क बनाया गया

शादी हो गई कच्ची उम्र में
दहेज काम लाई हूं
ये कहकर जलाया गया
बदचलन बताकर मुझे मेरे घरवालों को
आत्महत्या बताया गया

लड़की होना आसान नहीं है
खुलकर हंसने पर रोक है
चलने में जमाने की टोक है
कुछ काम करूं मेरी इच्छा के
जमाने की नजर में मेरे
गंदे शौक है

जीना आसान नहीं है लड़की बनकर
भीड़ में कोई बदन को छूता
कोई डोरे डालता है
ख्वाहिशों को दबाकर मेरी
मुझे धूल समझा जाता है

BY – TEJPAL KUMAVAT

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