बुलडोजर की कहानी

बुलडोजर की कहानी

बुलडोजर की कहानी

बुलडोजर का आविष्कार किसने किया था ?

दुनिया के पहले बुलडोजर का आविष्कार जेम्स कमिंग्स और जे. अर्ल मैकलियोड ने 1923 में मोरोविल ने किया था। ये दोनों अमेरिका के कंसास में रहते थे। बुलडोजर का अर्थ धातु को आकार देने और उसे मोड़ने के लिए उपयोग किए जाने वाले फोर्जिंग प्रेस से होता था। इसका संबंध एक और शब्द, “बुल डोज”, एक बड़ी डोज से जोड़ा जाता है जो किसी भी प्रकार की दवा या सजा के लिए उपयोग में लाया जाता था.

बुलडोजर का असली नाम क्या है?

इस मशीन को लोग जेसीबी या बुलडोजर के नाम से जानते हैं। लेकिन, इसका असली नाम कुछ और है। जेसीबी तो एक कंपनी का नाम है।दरअसल, इस वाहन का नाम है ‘Backhoe Loader’, जिसे बैकेहो लोडर कहा जाता है। इसमें एक साइड के लिए स्टेयरिंग लगी होती है, जबकि दूसरी तरफ क्रेन की तरह लीवर लगे होते हैं। इस मशीन में एक तरफ लोडर लगा होता है, जो बड़ा वाला हिस्सा होता है। जेसीबी ने लगातार नई नई मशीनें बनाई और कई इनोवेशन किए । कंपनी ने जो पहला बैकहो लोडर बनाया था, वो नीले और लाल रंग का था ।

बुलडोजर का रंग पीला क्यों होता है ?

इसके बाद इसे अपग्रेड करते हुए साल 1964 में एक बैकहो लोडर बनाया गया, जो पीले रंग का था। इसके बाद से लगातार पीले रंग की ही मशीनें बनाई जा रही हैं और यहां तक कि अन्य कंपनियां भी कंस्ट्रक्शन साइट पर इस्तेमाल होने वाली मशीनों का रंग पीला ही रखती हैं। इस रंग के कारण जेसीबी खुदाई वाली जगह पर आसानी से दिख जाती है, चाहे दिन हो या रात। इससे दूर से पता चल जाता है कि वहां कोई कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है और अंधेरे में भी दिखने की वजह से दूर से इसका पता लगाया जा सकता है। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश सरकार बुलडोजर का प्रयोग अवैध निर्माण को तोड़ने में कर रही है।

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