75th Army Day (75वां सेना दिवस)

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सेना दिवस की परेड कहाँ आयोजित की जा रही है?

भारत में हर साल 15 जनवरी के दिन सेना दिवस (Army Day) के रूप में मनाया जाता है। भारतीय सेना को विश्व की दूसरी सबसे मज़बूत सेना माना जाता है। इस बार 15 जनवरी भारतीय थल सेना अपना 75th Army Day (75वां सेना दिवस) मनाएगी। सेना दिवस के उपलक्ष्य में हर साल दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में परेड का आयोजन किया जाता है। पर इस बार इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि भारतीय सेना दिवस की परेड दिल्ली की जगह बेंगलुरु में आयोजित की जा रही है।

सेना दिवस क्यों मनाया जाता है?

15 जनवरी 1949 को कमांडर-इन-चीफ़ का पद पहली बार ब्रिटिश सैन्य अधिकारी से भारतीय सैन्य अधिकारी को मिला था। केएम करियप्पा ने जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ़ के तौर पर पदभार ग्रहण किया था। पहले विश्वयुद्ध (1914-1918) के दौरान उन्हें सैन्य प्रशिक्षण मिला था। करियप्पा 1942 में लेफ़्टिनेंट कर्नल का पद पाने वाले पहले भारतीय अफ़सर बने थे। 1944 में उन्हें ब्रिगेडियर बनाया गया और बन्नू फ़्रंटियर ब्रिगेड के कमांडर के तौर पर तैनात किया गया था। 15 जनवरी 1986 को उन्हें फ़ील्ड मार्शल बनाने की घोषणा की गई।

के. एम. करियप्पा ने ‘जय हिंद’ का नारा अपनाया जिसका अर्थ है ‘भारत की जीत’। फ़ील्ड मार्शल करियप्पा ने 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पश्चिमी कमान संभाली थी। लेह को भारत का हिस्सा बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनकी बनाई गई योजना के तहत भारतीय सेना ने पहले नौशेरा और झंगर पर कब्ज़ा किया और फिर जोज़ीला, ड्रास और कारगिल से भी हमलावरों को पीछे धकेल दिया। केएम करियप्पा 1953 में सेवानिवृत्त हो गए थे और 94 साल की उम्र में साल 1993 में उनका निधन हुआ था।

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