पद परिचय की परिभाषा भेद और उदाहरण Pad Parichay DOWNLOAD FREE PDF

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पद परिचय की परिभाषा भेद और उदाहरण

जब वाक्य में कई शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं तो उन्हें पद कहते हैं। इन्हीं पदों का व्याकरणिक परिचय देना पद परिचय कहलाता है।

पद परिचय के भेद

प्रयोग के आधार पर पद परिचय आठ प्रकार के होते हैं-

1. संज्ञा

2. सर्वनाम

3. विशेषण

4. अव्यय

5. क्रिया विशेषण

6. क्रिया

7. संबंधबोधक

8. समुच्चयबोधक

संज्ञा शब्द का पद परिचय

वाक्य में संज्ञा पदों का पदपरिचय करते समय संज्ञा, संज्ञा के भेद, लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया या अन्य पदों के साथ उसका संबंध बतलाना आवश्यक है।

संज्ञा शब्द का पद परिचय के उदाहरण

हिमालय भारत का पहाड़ है।

उपर्युक्त दिए गए वाक्य में ‘हिमालय ‘भारत’ और ‘पहाड़ संज्ञा पद है। जिनका पद परिचय निम्नलिखित तरीके से किया जाएगा-

हिमालय : व्यक्तिवाचक संज्ञा, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक ‘है क्रिया का कर्ता है।

भारत : व्यक्तिवाचक संज्ञा, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, संबंधकारक इस पद का संबंध ‘पहाड़ से हैं।

पहाड़ : जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक।

सर्वनाम शब्द का पद परिचय

सर्वनाम शब्द का पद परिचय बताने में सर्वनाम का भेद, वचन, लिंग, कारक और वाक्य के अन्य पदों से संबंधों को बताना पड़ता है।

सर्वनाम शब्द का पद परिचय के उदाहरण

जिसे आप लोगों ने खाने पर बुलाया है, उसे अपने घर जाने दीजिए।

इस वाक्य में ‘जिसे’, ‘आप लोगों ने’, ‘उसे’ और ‘अपने’ पद सर्वनाम हैं। इसका पद परिचय इस प्रकार होगा।

जिसे : अन्य पुरुष, सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।

आप लोगों ने : पुरुषवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक।

उसे : अन्य पुरुष, सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।

अपने : निजवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, संबंध कारक।

विशेषण शब्द का पद परिचय

विशेषण का पद परिचय करते समय विशेषण, विशेषण के भेद, लिंग, वचन और विशेष्य बतलाना चाहिए।

विशेषण का लिंग, वचन विशेष्य के अनुसार होता है।

विशेषण शब्द का पद परिचय के उदाहरण

ये तीन किताबें बहुमूल्य हैं।

उपर्युक्त वाक्य में ‘तीन’ और ‘बहुमूल्य’ विशेषण हैं। इन दोनों विशेषणों का पदपरिचय निम्न तरीके से किया जा सकता है-

तीन : संख्यावाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन, इस विशेषण का विशेष्य ‘किताब’ हैं।

बहुमूल्य : गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन।

अव्यय शब्द का पद परिचय

अव्यय का पद परिचय बताने के लिए वाक्य में अव्यय, अव्यय का भेद और उससे संबंधित पद को बताना होता है।

अव्यय शब्द का पद परिचय के उदाहरण

वे प्रतिदिन जाते हैं।

वाक्य में ‘प्रतिदिन’ अव्यय है। इन दोनों अव्यय का पदपरिचय निम्न तरीके से किया जा सकता है-

प्रतिदिन : कालवाचक अव्यय

जाना : क्रिया का विशेषण

क्रिया विशेषण शब्द का पद परिचय

क्रिया विशेषण का पद परिचय बताने के लिए क्रियाविशेषण का प्रकार और उस क्रिया पद के बारे में बताना होता हैं, जिस क्रियापद की विशेषता बताने के लिए क्रिया विशेषण का प्रयोग हुआ है।

क्रिया विशेषण शब्द का पद परिचय के उदाहरण

बहुत जल्द जाओ।

इस वाक्य में ‘बहुत’ और ‘जल्द’ क्रिया-विशेषण पद हैं। इन दोनों का पदपरिचय निम्न तरीके से किया जा सकता है-

बहुत : परिमाणवाचक क्रिया विशेषण और जल्द का गुणबोधक है।

जल्द : समयवाचक क्रिया विशेषण और क्रिया का काल बतलाता है।

क्रिया शब्द का पद परिचय

क्रिया के पद परिचय में क्रिया का प्रकार, वाच्य, काल, लिंग, वचन, पुरुष, और क्रिया से संबंधित शब्द का परिचय दिया जाता है।

क्रिया शब्द का पद परिचय के उदाहरण

वे जाएँगे।

उपर्युक्त वाक्य में ‘जाएँगे’ क्रिया है। इस वाक्य का पद परिचय इस प्रकार से किया जा सकता है-

जाएँगे- कर्तृवाच्य, सामान्य भविष्यतकाल, अन्य पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन। ‘जाएँगे’ क्रिया का कर्ता ‘वे’ हैं।

संबंधबोधक शब्द का पद परिचय

संबंधबोधक का पद परिचय में संबंधबोधक का भेद और संज्ञा या सर्वनाम से संबंधित शब्द को बताना होता है।

संबंधबोधक शब्द का पद परिचय के उदाहरण

इस सन्दूक के भीतर चार पुस्तकें और दो पत्र हैं।

इस वाक्य में ‘भीतर’ संबंध बोधक पद है। इसका पद परिचय निम्न प्रकार होगा-

भीतर : संबंध वाचक अव्यय, इसका संबंध ‘सन्दूक’ से है।

समुच्चयबोधक शब्द का पद परिचय

समुच्चयबोधक का पदपरिचय करते समय समुच्चयबोधक का भेद और समुच्चयबोधक से संबंधित योजित शब्द को लिखना पड़ता है।

समुच्चयबोधक शब्द का पद परिचय के उदाहरण

कलकत्ता अथवा दिल्ली में पढ़ना ठीक है।

इस वाक्य में ‘अथवा’ समुच्चय बोधक शब्द है। इसका पद परिचय इस प्रकार होगा :

अथवा : विभाजक समुच्चय बोधक अव्यय ‘कलकत्ता’ और दिल्ली का विभाजक संबंध।

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