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छत्तीसगढ़ की विविध प्रकार की मिट्टिया Different types of soils of Chhattisgarh
BY- SUSHMA THAKUR
छ.ग. में पाए जाने वाले चट्टानो के आधार पर 5 प्रकार के मिट्टिया पाई जाती है-
1. लाल पीली मिट्टी
स्थानीय नाम -मटासी
2.लाल बलुई मिट्टी
स्थानीय नाम – मटासी (टिकरा)
3. काली मिट्टी
स्थानीय नाम -(कन्हार)
4. लेटेराईट मिट्टी
स्थानीय नाम -मुरूमी मिट्टी
5. लाल दोमट मिट्टी
1. लाल पीली मिट्टी
स्थानीय नाम -मटासी
छत्तीसगढ़ के मध्य भाग व उत्तर भाग, में सर्वाधिक विस्तार 50 -55%
निर्माण आर्कियन चट्टानो से होता है
गुण – PH मान (5.5-8.5) अम्लीय व क्षारीय
रंग- पीला, फेरिक आक्साईड के कारण लाल रंग फेरस ऑक्साईड के कारण।
जल धारण क्षमता – कम
कुलथी, धान, लाख, मसूर, ‘लाखड़ी
2. लाल बबुई मिट्टी (20-25)
स्थानीय नाम रेतीली मिट्टी या टिकरा मिट्टी
बस्तर के उच्च भूमि के ढ़ाबो पर पाए जाने वाली मिट्टी का टिकरा कहा जाता है।
3. काली मिटटी 8-10%-
स्थानीय नाम -कन्हार रेगुर/ भर्री
विस्तार छ.ग. के मैदानी व घाटी क्षेत्रो में है
रंग – लोहे का अंश अधिक होने के कारण काली या गहरी पूरी रंग)
गुण – PH मान (7-8) क्षारीय होता है
यह चिपचिपी होती है अतः कार्य में असुविधा होती है
जिसे इसकी उपजाऊ क्षमता अधिक होती है।
फसल – धान,गेहूँ, सोयाबीन, घना, गन्ना
4. लेटे राईट मिट्टी
स्थानीय नाम – मुरूमी मिट्टी (मिट्टी में के छोटे पत्थर के अनुपजाऊ होती
विस्तार – जशपुर – सामरी पाट प्रदेश,
ईंट निर्माण में इस मिट्टी का प्रयोग किया जाता है
गुण –
इसमें निक्षारन की प्रक्रिया होती है
कठोरता के कारण भवन निर्माण में उपयोगी है.
फसल – बागवानी हेतु उपयुक्त है
5. लाल दोमट मिट्टी
विस्तार सुकमा बौर दंतेवाड़ा के कुछ भागो में बहती है
जलधारण क्षमता सबसे कम
बस्तर के पठारी प्रदेश में पाय जाने वाले मिट्टिया
1. मरहान
2. टिकरा
3. माल बाड़ी
4. गाभर
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