विजय गूञ्ज
By- VARUN SINGH GAUTAM वीर भूमि की है तीर्थ धरोहरविजय गूञ्ज हमारी कारगिल कीपथ – पथ करता पन्थी मेरी पुकारशौर्य मेरी धड़कन की गङ्गा बहार यौवन बढ़ चला सिन्धु में ज्वारराष्ट्र एकता अखण्डता का करें हुँकारआर्यावर्त स्वच्छन्द के मस्तष्क धरा मैंइन्कलाब के रङ्गभूमि में मैं पला तड़पन मेरी माँ की एक पैग़ामचिङ्गारी मेरी अंकुरित बचपन …