क्यों है तड़पन ?
By- VARUN SINGH GAUTAM क्या तृष्णा टूट पड़ी यहाँ ?इस भिखमङ्गों के बाजारों मेंकोई अट्टालिका खड़ा करता जाताकिसी की अँतड़ियाँ अंगारों में पथ – पथ पर क्या कुर्बानी हैं ?त्राहि – त्राहि कर रहा मानवभ्रममूलक का जञ्जाल यहाँकोई रोता तो कोई चिल्लाता यहाँ हाहाकार की नाद देखो गूञ्ज उठीं !अशरत की पुजारी बन बैठे यहाँज़ख़्म …