है जिंदगी है जिंदगी तु ही बता क्या करूँ - SAURABH SINGH

है जिंदगी है जिंदगी तु ही बता क्या करूँ – SAURABH SINGH

हमारी वेबसाइट “Science ka Mahakumbh” में आपका स्वागत है। यहां पर सौरभ सिंह की कविता, कहानी प्रकाशित किया जाएगा। आप सभी इसका आनंद लीजियेगा।

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BY- SAURABH SINGH

है जिंदगी है जिंदगी तु ही बता क्या करूँ - SAURABH SINGH
है जिंदगी है जिंदगी तु ही बता क्या करूँ – SAURABH SINGH

है जिंदगी है जिंदगी तु ही बता क्या करूँ मैं
हु मैं परेशान तु ही बता क्या करूँ मैं

जीता हूँ किसके लिए पता नही मुझे
मरता हूँ, किसके लिए पता नही मुझे।
लक्ष्य मेरा क्या है पता नही मुझे
जीवन में मेरे क्या है पता नही मुझे।।

हार के भी जीतना चाहता हुँ
मैं मर के भी जीना चाहता हुँ।
अपनी पिछली जिंदगी से रूबरू था
अपनी आने वाली जिंदगी से वाकिफ होना चाहता।।

मेरी जिंदगी मे सबने बहुत कुछ दिया
किसी ने प्यार, किसी ने मान-सम्मान।
किसी ने दिया गम तो किसी ने खुशी
अब सबको खुशी देना चाहता हूँ मैं।।

BY – SAURABH SINGH

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