SONU KRISHNAN
सोनू कृष्णन झारखंड के चतरा जिला के रहने वाले हैं । सोशल मीडिया पर सोनू कृष्णन के नाम से मशहूर अपने हिंदी के मार्मिक कविता और कहानी जैसी विधाओं के लिए जाने जाते हैं । यह नए उभरते हुए भारतीय कवियों और लेखकों में से एक हैं । इनकी कई सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया है । जिसको इन्होंने 2022 वर्ष के दौरान लिखे हैं।
सोनू कृष्णन का जन्म 5 मई 2007 को झारखंड के चतरा जिला के डहुरा गांव में हुआ था ।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव से 8 किलोमीटर दूर से शुरू की उसके बाद की शिक्षा उत्क्रमित उच्च विद्यालय मोकतमा से की है और आगे की शिक्षा अभी जारी है ।
इनके पिता का नाम कामेश्वर यादव और माता का नाम सबिता देवी है । सोनू कृष्णन अपने भाई बहन में से सबसे बड़े हैं ।
उनका कहना है कि कविता लिखने की विधि प्रत्येक मानव में है और प्रत्येक मानव के अंदर सभी गुण पाए जाते हैं बस जितना रंग भरा जाए उतना ही चमकदार होता है और मानव का स्वभाव प्राकृतिक तथा समाज पर भी कुछ निर्भर पड़ता है।
कवि काल्पनिक के संबंध से ही कवित्व की रचना करती है ।
इनकी कवि का सपना तब हुआ जब विद्यालय में कुछ कार्यक्रम के दौरान कविता के प्रतियोगिता में भाग लिए और उस भाग में सबसे बेहतर कविता लिखने के कारण उनकी प्रशंसा और सम्मानित किया गया । इससे उनकी कविता में रुचि आ गया और कक्षा आठवीं नवमी में आते-आते अपने जीवन अर्थात लक्ष्य के प्रति जागरूक हुए और तब इनको याद आया कि हमें बचपन में कवि के रूप में प्रशंसा और सम्मानित किया गया था जो कि लेखक कभी भी किसी भी उम्र में लेखनी का कार्य किया जा सकता है तो हम वर्तमान समय से ही शुरू क्यों नहीं करें , और उसी समय से अपना लेखनी का कार्य आरंभ कर दिए ।
इनके बहुत सारे रचनाएं जो देश भक्ति , प्राकृतिकवादी और समाजवादी भाव आदि को प्रकट करके दूसरों को जागृत करने की प्रयास करते रहते हैं।
इनका एक ही उद्देश्य देश और समाज के प्रति जागरूक करना तथा प्रत्येक इंसान को शिक्षित करना आदि । इनके जीवन संघर्ष के प्रणेत भारत के महापुरुषों के स्वर्णिम अक्षरों में विद्यमान स्वामी विवेकानंद तथा डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी है ।
जीवन के शुरुआती समय बचपन से ही लेखक साहित्य के प्रेम रूपी बंधन में बंध चुके हैं ।
उन्हें यह विश्वास है कि इनकी लेखनी वर्तमान समय से भविष्य तक निरंतर गति से चलती रहेगी …….. चलती रहेगी ………
सोनू कृष्णन के जन्मदिन पर कविता
सोनू कृष्णन के जन्मदिन पर कविता By- SONU KRISHNAN वही सूरज,वही सवेरा ,फिर भी कुछ भिन्न है ।कुछ तो खास दिन है ,क्योंकि आज मेरा जन्मदिन है ।। मेरा माता-पिता ही जान है ,मेरा गुरु ही भगवान है ।मेरा उम्मीद इस जहान है ,मेरी मानवता ही ईमान है ।। 5 मई को था मुझे इंतजार …
दहेज एक कुप्रथा
By- SONU KRISHNAN दहेज एक कुप्रथा गुड़िया नाम के एक लड़की थी , उसके माता-पिता गरीब थे लेकिन लड़की के माता-पिता मेहनती थे । उसके माता-पिता गरीब होते हुए भी गुड़िया को अच्छी जगह शिक्षा दी , शिक्षा पूरी होने के बाद गुड़िया की शादी को तैयारी होने लगी और जब लड़के देखने आए , …
मेरे महाकाल , शिवशंकर , भोलेनाथ
मेरे महाकाल , शिवशंकर , भोलेनाथ By- SONU KRISHNAN पानी हो या पत्थर ,या फिर हो कंकड ।सभी सहते हैं भोले ,वो है मेरे शिव शंकर ।। संकट आया जब एक नींव ,त्राहिमाम करने लगे सभी जीव ।विष से मृत्यु हुए थे सजीव ,तभी बचाएं सबको मेरे भोले शिव ।। जब धरती पर पड़ता है …
सबसे प्यारा तिरंगा हमारा
सबसे प्यारा तिरंगा हमारा By- SONU KRISHNAN भारत देश का है प्यारा ,वह है तिरंगा हमारा ।हम सब की है एक ही नारा ,भारत माता की हो जयकारा ।। हर घर में तिरंगा होगा जब ,देश विकसित होगा तब ।देश से बड़ा ना कोई रब ,जब सोच बदलेंगे हम सब ।। तिरंगा हम सब की …
महीना है सावन का
महीना है सावन का By- SONU KRISHNAN महीनों में सावन है कितना न्यारा ,जो भोले को लगता है प्यारा ।सबकी जुबां पे है एक ही नारा ,बोल बम की नगरी है हमारा ।। प्राकृति सौंदर्य से भरी पड़ी ,बोल बम की सैर कर ले घड़ी दो घड़ी ।मनाने चले भोलेनगरी जहां पार्वती है अड़ी ,हम …
गुरु का गौरव
गुरु का गौरव By- SONU KRISHNAN इल्म का आधार है गुरु ,जीवन होती जहां से शुरू ।विद्यार्थी न कोई अगुरु ,जिनकी महिमा अतिगुरु ।। गुरु न लघु न विशाल ,बालक का है जो मिसाल ।जिनके बिना ना हयात खुशहाल ,मम नमन उनको फिलहाल ।। गुरु होते अजेय ,गुरु वर विजय ।गुरु ही व्याधिनिर्जय ,हो उनका …
कारगिल युद्ध
कारगिल युद्ध By- SONU KRISHNAN कारगिल युद्ध जो लड़ गए युद्ध कारगिल में ,शहीद होकर भी बस गए वह दिल में । लड़कर जो दिए थे देश के लिए कुर्बानी ,परिवार के लिए न सोचें कभी वह लाभ – हानि । मई महीना का था तिथि तीन ,कारगिल युद्ध शुरू हुआ जिस दिन । जिस …
यह है परीक्षा
यह है परीक्षा By- SONU KRISHNAN एक लड़की है जिसकी नाम है समीक्षा वह पढ़ने लगी क्योंकि देनी है परीक्षायह इसलिए क्योंकि प्रथम आना उनकी है इच्छावह जाने लगी गुरु पास और लेने लगी दीक्षाक्योंकि अभी उनकी ज्यादा जरूरत है शिक्षानहीं तो मांगनी पड़ेगी उनकी जिंदगी भर भिक्षायहां कोई न काम करता है इच्छाकामयाब होने …
सूर्य
सूर्य By- SONU KRISHNAN मुझे जैसे चाहो वैसे रखोमारो या काटो ,चाहे जाति धर्म में बांटोजिंदगी देना ही मेरा काम ll मुझसे ही दिन मुझसे ही रात ,क्यों करूं मैं अपना ठाट-बाट lमुझसे ही गर्मी मुझसे ही राहत ,जब मैं आऊं तो होती है आहट ll हमें वीर कहो या कायर ,कभी धूप कभी हो …
लक्ष्य
लक्ष्य आत्मा का रूप काया ,इच्छा पूरी करने आया lजीवन आया जीवन गया ,जीवन जीने का नया नया ll अहंकार का रूप ही है माया ,यहां कौन क्या करने आया lजीवन आया जीवन गया ,जीवन जीने का नया नया ll पैसा ज्यों ही भाया ,लालच तो ही आया lजीवन आया जीवन गया,जीवन जीने का नया …
घड़ी
घड़ी By- SONU KRISHNAN टिक-टिक-टिक करते रहती ,हमेशा चलती फिर भी न थकती lरात-भर जागती दिन-भर जागती ,फिर भी यह कभी ना सोती ll जो दूसरों को जगाती है ,वह हीरा ना मोती है lना वह खाती , ना वह पीती ,सबको यही बतलाती है ll दिन हो या रात , ये हमेशा चलती है …
रावण को रावण नाम क्यों दिया गया?
रावण को रावण नाम क्यों दिया गया? एक युग था जिस युग का नाम द्वापर युग था , कहा जाता है कि प्रत्येक युग में भगवान अवतार लेते हैं , और परमात्मा की महिमा का गुणगान करवाते हैं l भगवान प्रत्येक युग में धरती पर इंसान के रूप में जन्म लेते हैं ताकि सत्य की …