Welcome to our website “Science ka Mahakumbh”. A INTERESTING FACTS be published here on a daily basis with exclusive content. The questions posted here will be helpful in various upcoming competitive exams and daily life.
हमारी वेबसाइट “Science ka Mahakumbh” में आपका स्वागत है। रोचक तथ्य का एक सेट यहां दैनिक आधार पर प्रकाशित किया जाएगा। यहां पोस्ट किए गए प्रश्न विभिन्न आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं और दैनिक जीवन में सहायक होंगे।
Basant Panchami बसंत पंचमी क्यों मनाया जाता है? बसंत पंचमी की पूजा मुहूर्त और शुभ योग
TELEGRAM GROUP LINK 1 | CLICK HERE |
FOLLOW US IN INSTAGRAM | CLICK HERE |
TELEGRAM GROUP LINK 2 | CLICK HERE |
इस वर्ष Basant Panchami का पर्व 2 फरवरी 2025, रविवार के दिन मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में बसंत पंचमी पर्व को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन इस पर्व को मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान, कला एवं संगीत की देवी माता सरस्वती की पूजा का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष मनाए जाने वाले बसंत पंचमी पर्व पर चार अत्यंत शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। मान्यता है कि प्रत्येक शुभ योग में माता सरस्वती की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी और उन्हें ज्ञान, बुद्धि, विद्या, कला, धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होगी।
Basant Panchami की 2025 पूजा मुहूर्त और शुभ योग
वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल इस तिथि की शुरुआत 2 फरवरी 2025 को सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर होगी। साथ ही इसका समापन 03 फरवरी को प्रातः 06 बजकर 53 मिनट पर होगा। वहीं बसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। क्योंकि 3 फरवरी को सूर्योदय का स्पर्श होते ही पंचमी तिथि समाप्त हो रही है जिससे माघ शुक्ल पंचमी तिथि का क्षय माना जा रहा है।
Basant Panchami बसंत पूजा का शुभ मुहूर्त
2 फरवरी को बसंतपंचमी वाले दिन पूजा का शुभ मुहूर्त – सुबह 7 बजकर 09 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इस दिन पूजा के लिए सिर्फ 5 घंटे 26 मिनट का समय मिलेगा है।
Basant Panchami क्यों मनाया जाता है?
बसंत पंचमी का पर्व मां सरस्वती के अवतरण दिवस में रूप में मनाया जाता हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार ब्रह्माजी संसार के भ्रमण पर निकले हुए थे। उन्होंने जब सारा ब्रह्माण्ड देखे तो हर तरफ खामोशी छाई हुई थी। इसे देखने के बाद उन्हें लगा कि संसार की रचना में कुछ कमी रह गई है। इसके बाद ब्रह्माजी एक जगह पर ठहर गए और उन्होंने अपने कमंडल से थोड़ा जल निकालकर छिड़क दिया। तो एक महान ज्योतिपुंज में से एक देवी प्रकट हुई। जिनके हाथों में वीणा थी और चेहरे पर बहुत ज्यादा तेज। यह देवी थी सरस्वती, उन्होंने ब्रह्माजी को प्रणाम किया। माता सरस्वती के अवतरण दिवस के रूप में बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है।
ब्रह्माजी ने सरस्वती से कहा कि इस संसार में सभी लोग आपस में संवाद नहीं कर रहे है। इसपर देवी सरस्वती ने पूछा की प्रभु मेरे लिए क्या आज्ञा है? ब्रह्माजी ने कहा देवी आप अपनी वीणा की मदद की इन्हें ध्वनि प्रदान करो। ताकि ये लोग आपस में बातचीत कर सकें। एक दूसरे की तकलीफ को समझ सकें। इसके बाद मां सरस्वती ने सभी को आवाज प्रदान दिया।
आशा है आपको हमारी जानकारी पसंद आयी होगी | इसी प्रकार की जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर प्रतिदिन देखे।
बसंत पंचमी पर वरुण सिंह गौतम की कविता👇
आशा है आपको हमारी जानकारी पसंद आयी होगी। इसी प्रकार की जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर प्रतिदिन देखे।
ये भी पढ़े 👇
आशा है आपको हमारी जानकारी पसंद आयी होगी। इसी प्रकार की जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर प्रतिदिन देखे।
दुनिया में कहां सबसे सस्ता सोना मिलता है? – CLICK HERE
Furthermore, you can visit other subject pages for questions.
BOARD & UNIVERSITY | NOTES & PREVIOUS YEAR PAPER |
CBSE BOARD CLASS 10th | CLICK HERE |
UP BOARD CLASS 10th | CLICK HERE |
BIHAR BOARD CLASS 10th | CLICK HERE |
RAJASTHAN BOARD CLASS 10th | CLICK HERE |
CG BOARD CLASS 10th | CLICK HERE |
CBSE BOARD CLASS 12th | CLICK HERE |
UP BOARD CLASS 12th | CLICK HERE |
CG BOARD CLASS 12th | CLICK HERE |
What is Loan and definition of Loan ? – CLICK HERE
PAN CARD ONLINE FORM – CLICK HERE