अश्रु धार
By- VARUN SINGH GAUTAM एक बार जब नवघोष की गूञ्जनव्यचेतन क्या ओझल विस्मृत – सी ?चिरन्तन भोर – विभोर अंजीर मेंप्रदीप पथ प्रवल निर्झर नीहार वात्सल्य कारुण्य आसक्ति अलिउम्दा प्रणय ध्वनि केतनधारकलित सारङ्ग ऊर्मि पुष्पित कायासिन्धु लहर परिष्यन्दी होती उस अरुक्ष अलिक चङ्गा अनभिज्ञ इस उद्यानज्योति समीर अर्ण तड़ित् आलम्बमन्द – मन्द ईषद्धास कभी आक्रन्दनवारिद …