HARSH HASRAT KI KAVITA
हमारी वेबसाइट “Science ka Mahakumbh” में आपका स्वागत है। यहां पर हर्ष हसरत जी की कविता प्रकाशित किया जाएगा। आप सभी इसका आनंद लीजियेगा। HARSH HASRAT KI KAVITA शीर्षक:- किताबें किताबों से अब भी फूल झड़ते हैं,किताबें अभी यादें संजोती हैं,अब भी राजदार हैं किताबें,पर सोख लेती हैं किताबें,उन फूलों के रंग,वर्क खींच लेते हैं …