VARUN SINGH GAUTAM KI KAVITA
VARUN SINGH GAUTAM KI KAVITA शीर्षक:- खालीपन अकेला रहता सूर्यजैसे पृथ्वी की चन्द्रमाएँकहोगे! मुझे भी उपमान दोअकेलापन की।मेरे मन की कल्पनाओं की।मेरे वजूद की।मेरे अंतर्रात्मा की काली रात!खौफनाक हैलौटता मेरा खालीपनजिसमें याद आती हैं मेरी माईजिनके भाषा की खड़ी पाई की परिभाषा कीप्रमाणिकता पर बीतता मेरा वसंत का होनापर अब उनके अनुपस्थिति मेंमेरा अकेला रहना …