दहेज (कविता) – TEJPAL KUMAVAT

दहेज (कविता) BY - TEJPAL KUMAVAT

दो दिलों के नाम पर
रिश्तों का मोल लगाया जाता हैं
शादी के नाम पर
परिवारों को ठगा जाता है

बाप ने अपनी जमीं दांव पर लगाई
तब उसकी बेटी की हुई सगाई
बाप ने भर दिया उस बेटी का घर
जिस घर में है वो ब्याही…