हमारी वेबसाइट “Science ka Mahakumbh” में आपका स्वागत है। यहां पर पुष्पा साहू मीरा जी की कविता प्रकाशित किया जाएगा। आप सभी इसका आनंद लीजियेगा।
PUSHPA SAHU KI KAVITA

शीर्षक:- जिंदगी गुलज़ार हो जाए
तेरा साथ मिले तो जिंदगी
गुलज़ार हो जाए,
तुम जो आओ तो पतझड़
भी बसंत बहार हो जाए |
बोझ सी लगती ये जिंदगी,
रूठी रूठी सी रहती है,
तुम जो हमकदम हो तो हर
दिन तीज त्यौहार हो जाए |
शीर्षक:- सुनो ना
इस बार तो आ जाओगे ना?
सावन के बरसते बरसते |
कितने मौसम बीत गए हैं,
तेरा इन्तजार करते तरते |
एक उम्र तो न गुजर जायेगी,
पतझड़ को बहार करते करते |
न जाने और कितना वक़्त लगेगा,
दिल के जख्मों को भरते भरते |
कहीं मर तो न जाऊँगी मैं,
तुम पर यूँही मरते मरते?
पुष्पा साहू मीरा
प्रयागराज उत्तर प्रदेश