Welcome to our website “Science ka Mahakumbh”. A INTERESTING FACTS be published here on a daily basis with exclusive content. The questions posted here will be helpful in various upcoming competitive exams and daily life.
हमारी वेबसाइट “Science ka Mahakumbh” में आपका स्वागत है। रोचक तथ्य का एक सेट यहां दैनिक आधार पर प्रकाशित किया जाएगा। यहां पोस्ट किए गए प्रश्न विभिन्न आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं और दैनिक जीवन में सहायक होंगे।
MAKAR SANKRANTI मकर संक्रांति कब है 14 या 15 जनवरी को? आइए जानते हैं…
TELEGRAM GROUP LINK 1 | CLICK HERE |
FOLLOW US IN INSTAGRAM | CLICK HERE |
YOUTUBE CHANNEL | CLICK HERE |
TELEGRAM GROUP LINK 2 | CLICK HERE |
तीन साल बाद 14 जनवरी को मकर संक्रांति का संयोग बन रहा है। वर्ष 2024, वर्ष 2023 व 2022 में श्रद्धालुओं ने 15 जनवरी को संक्रांति पर्व मनाया था। वहीं, वर्ष 2021 में संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को पड़ा था। आइये जानते हैं कि मकर संक्रांति मनाने का शुभ मुहूर्त क्या है?
इस दिन खिचड़ी भी खाई जाती है और दान भी की जाती है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है, जिसका अर्थ है कि सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ता है। मकर संक्रांति के दिन से ही मौसम परिवर्तन की शुरुआत होने लगती है। उत्तर भारत में इस पर्व को ‘मकर सक्रांति, पंजाब में लोहडी, गढ़वाल में खिचडी संक्रांति, गुजरात में उत्तरायण, तमिलनाडु में पोंगल, जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति कहते हैं। असम में इस त्योहार को बिहू के नाम से मनाया जाता है।
मकर संक्रांति पर दान क्यों किया जाता है?
मकर संक्रांति के दिन दान करना शुभ होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की आराधना एवं सूर्य देव एवं शनि देव से संबंधित वस्तुओं का दान करने व्यक्ति के अंदर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। दान का अर्थ है, शरीर की नकारात्मक ऊर्जा को दान योग्य वस्तु के द्वारा शरीर से बाहर निकालना। दान में आप गुड़, तिल, खिचड़ी, उड़द की दान, नमक, तेल, कंबल, गर्म वस्त्र इत्यादि दे सकते हैं।
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त (Makar Sankranti 2025 Shubh Muhurat)
मकर संक्रांति इस बार 14 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। उदयातिथि के अनुसार, मकर संक्रांति इस बार 14 जनवरी 2025 को ही मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति पुण्य काल का समय सुबह 9 बजकर 03 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। मकर संक्रांति के दिन पुण्य और महापुण्य काल में स्नान और दान करना चाहिए।