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मैं अकेले जीना चाहती हूं क्योंकि (कविता) – BABITA PATEL
इनका नाम बबीता पटेल है। ये रायगढ़ छत्तीसगढ़ की रहने वाली हैं। इनके पिता श्री परमानंद पटेल और माता श्रीमती मोंगरा पटेल हैं। इनके प्रेरणा इनके माता पिता,सभी गुरु जन व इनके सभी चाचा (पिता जी के छोटे भाई) हैं। विशेषकर ये खीरसागर पटेल,जीवन पटेल व शिवराज पटेल जी से प्रेरित हुई है । यह भी कक्षा नौवीं की विद्यार्थी है। ये वर्तमान में शासकीय हाई स्कूल तेलीपाली में शिक्षा ग्रहण कर रही है । ये स्वतंत्र लेखिका हैं। इनको कविता, शायरी, लेख आदि लिखना पसंद हैं इनकी रचनाएँ संस्कार न्यूज़ में प्रकाशित होती रहती हैं। इन्होंने लिखना 18-07-2021 से प्रारंभ किया है। इन्होंने सबसे पहले मेरे पापा नामक कविता लिखी । उसके पश्चात एक स्त्री क्या चाहती है ,बचपन की यादें, आदि 30+ कविताएं लिख चुकी हैं। 2022 में इनकी solo-book “मेरी कलम मेरे मन की आवाज” भी प्रकाशित हो चुकी है ।
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मैं अकेले जीना चाहती हूं क्योंकि
डर लगता है मुझे लोगों की बातों से
डर लगता है मुझे लोगों की सोच से
डर लगता है अब हर किसी से
समझता नहीं है कोई मुझे मेरे मां पापा के अलावा
सबका प्यार प्यार थोड़ी है
कुछ लोगों का प्यार होता है छलावा
क्यों हूं मैं किसी की बातों में
अच्छा लगता है मुझे अकेले रहना
बिना सुने किसे के ताने
मस्त मलंग होके सुनती रहती हूं
मैं अकेले में मेरे पसंदीदा गाने
कुछ लोगों की नजर में
हूं मैं मतलबी हूं मैं पागल
क्या करूं मैं सुन के उन लोगों की बातों को
जो सुनाते मुझे हराने के लिए
जो सुनाते हैं मुझे गिराने के लिए
तो फिर क्यों रहूं मैं ऐसे लोगों के साथ
जो समझते ही नहीं मेरे जज्बात
इन सब चीजों को सोच के।
रह जाती हूं मैं अकेली
मैं सहजाती हूं सब कुछ अकेले ही
क्यों रखूं किसी से मतलब
जब सब हैं मतलबी
सबसे अलग बनना चाहती हूं
इसलिए मैं अकेली रह जाती हूं
जो समझते ही नहीं मेरे जज्बात
इन सब चीजों को सोच के।
रह जाती हूं मैं अकेली
मैं सब जाती हूं सब कुछ अकेले ही
क्यों रखूं किसी से मतलब
जब सब हैं मतलबी
सबसे अलग बनना चाहती हूं
इसलिए मैं अकेली रह जाती हूं
स्वरचित- बबीता पटेल
(रायगढ़ ) छत्तीसगढ़
ई-मेल- [email protected]