आजादी के 77 साल
इनका नाम बबीता पटेल है। ये रायगढ़ छत्तीसगढ़ की रहने वाली हैं। इनके पिता श्री परमानंद पटेल और माता श्रीमती मोंगरा पटेल हैं। इनके प्रेरणा इनके माता पिता,सभी गुरु जन व इनके सभी चाचा (पिता जी के छोटे भाई) हैं। विशेषकर ये खीरसागर पटेल,जीवन पटेल व शिवराज पटेल जी से प्रेरित हुई है । यह भी कक्षा नौवीं की विद्यार्थी है। ये वर्तमान में शासकीय हाई स्कूल तेलीपाली में शिक्षा ग्रहण कर रही है । ये स्वतंत्र लेखिका हैं। इनको कविता, शायरी, लेख आदि लिखना पसंद हैं इनकी रचनाएँ संस्कार न्यूज़ में प्रकाशित होती रहती हैं। इन्होंने लिखना 18-07-2021 से प्रारंभ किया है। इन्होंने सबसे पहले मेरे पापा नामक कविता लिखी । उसके पश्चात एक स्त्री क्या चाहती है ,बचपन की यादें, आदि 30+ कविताएं लिख चुकी हैं। 2022 में इनकी solo-book “मेरी कलम मेरे मन की आवाज” भी प्रकाशित हो चुकी है ।
मेरे भारत की आजादी को हो चुके अब 77 साल ,
और मेरा भारत दुनिया में करता जा रहा है कमाल..।
जब वीरों ने दी बलि अपने प्राणों की ,
तब जा के पायी हमने एक खुले आसमान में साँस।
जरा महसूस करो अपनी इस आजादी को,
साथ ही करों अपने भारतवासियों के प्रति प्रेम का अहसास ।
लाखों वीर गये जब अपना घर छोड़ ,
तब पायी हमने ये आजादी।
इस आजादी के लिए ना जाने,
कितने परिवारों ने अपने घर की नींव गवा दी।
ना जाने कितने बच्चे हुए अनाथ,
ना जाने कितनी स्त्रियों की हो गयी माँग सूनी।
पहननी पडी़ उन्हें साडी़ सफेद,
पूजा गया गाँधी जी को और खो गए बोस जी ।
क्यूँ हुआ ऐसा भेद…
मरते दम तक भी आजाद रहे हमारे चंद्रशेखर आजाद ।
झूल गए कितने वीर फांसी के फंदो पर,
तो चलो उन वीरों को करे दिल से इस दिन याद ।
और थोडी़ सी नम़ आँखों से मनाये ,
आजादी का ये 77 वाँ साल ।
स्वरचित- बबीता पटेल
(रायगढ़ ) छत्तीसगढ़
ई-मेल- [email protected]
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