VARUN SINGH GAUTAM KI KAVITA

VARUN SINGH GAUTAM KI KAVITA

VARUN SINGH GAUTAM KI KAVITA शीर्षक:- सर्पपाश आलिंगन!ये कोई प्रेमिका का नहींअपितु सर्पपाश हैक्यों ?अकेलापन, अहं, एटीट्यूडपाश कर जकड़ रखी हैजो मुझे बार-बार कौंधता हैजब उससे छिपता हूँतोमेरे देह में भूचाल का नृत्यशोर करने लगता हैफिर वही सर्प पाश मेंदफ़न हो मृत्यु शय्या पर सो जाता हूँ! शीर्षक :- पुतला मैं उस दिन का पुतला …

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